अवैध निर्माण से परेशान, शिकायत करने पर भी नही हुई कार्यवाही : गोण्डा
गोण्डा : अवैध अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन काफी अलर्ट रहता है कुछ समय पहले ही जिला प्रशासन ने जिले में अवैध निर्माण अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर चलवाया था जिसमे सड़क व नाले के किनारे बने अवैध निर्माण को जिला प्रशासन ने हटवाया था लेकिन कही न कही देखा जाये तो ये सिर्फ नाम का ही रह गया है जिला प्रशासन व नगर पालिका के मदद से सड़क किनारे बने अवैध निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया लेकिन कुछ जगह ऐसा भी है जहां प्रशासन ऑनलाइन कंप्लेन करने के बाद भी प्रशासन के जू तक नही रेंग रहे।
■ अश्ववासन देने के बाद भी नही हटा अतिक्रमण
4 महीना पहले आसरा आवास के लाभार्थी द्वारा ऑनलाइन कंप्लेन करने के बाद अस्वाशन दिया गया था कि जल्द की अतिक्रमण किया गया निर्माण के ऊपर कार्यवाही की जाएगी लेकिन 4 महीने होने के बाद भी नगर पालिका व जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कदम नही उठाया गया है आसरा आवास आवंटित लाभार्थी का कहना है पानी की दिक्कत के कारण वो पानी का मोटर लगवाना चाहता है लेकिन बिना बताए भू तल लाभार्थी द्वारा टीन शेड लगा दिया गया है लगभग 1 वर्ष होने को है अभी तक भू तल लाभार्थी टीन शेड लगा जाने के बाद दुबारा रहने नही आया है जिसको लेकर कंप्लेन किया था लेकिन अभी तक कार्यवाही नही हुई है
प्रमाण पत्र की धारा-11 व 12 में साफ साफ लिखा गया है कि कोई भी कार्य बिना अनुमति के नही हो सकता उसके बावजूद देखा जा रहा है कि अवैध निर्माण जोरो से चल रहा है।
■ किराये पर मकान दे, हजारों कमा रहे लाभार्थी
पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बनाये गये आसरा आवास में 600 कमरें में से 480 कमरे लाभार्थियों को आवंटित है। लगभग 480 लाभार्थियों में से ऐसे लोग भी है जो अवैध रूप से रह रहे है तो वही कुछ पात्र लाभार्थी अपने मकान को किराए पर देकर महीने का हजारों कमा रहे है। जिसकी सुध बुझ लेने वाला कोई नही है वास्तव में जिसे इस आसरा आवास का हकदार है वो सड़क किनारे सो रहा है या प्रशासन के अधिकारी उनकी फाइलें दबा दिए है।
■ जांच होने के बाद नहीं हुई कोई कार्यवाही
वैसे तो 600 कमरों में से बचे 120 कमरें मेंअवैध तरीके से रह रहे लोगों को कई बार निकाला गया है लेकिन वही आसरा आवास आवंटित होने के बाद कितने लोग रह रहे है कितने लोगों ने अपने मकान को किराए पर दिया हुआ है इसकी जांच कभी नही की गई है।