नजूल की जमीनें बेचने वाले पिता-पुत्र गिरफ्तार : गोण्डा
आरोपी खलील टायर व चांद बाबू के साथ पुलिसकर्मी : नगर कोतवाली
गोंडा : शहर में नजूल और तालाब की जमीनें बेचने का आरोपी मोहम्मद खलील उर्फ खलील टायर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। दो साल से पुलिस को उसकी तलाश थी। शुक्रवार देर रात शहर के पटेलनगर स्थित घर में होने की जानकारी पर नगर कोतवाली पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी खलील को बेटे चांद बाबू उर्फ तौफीक के साथ गिरफ्तार कर लिया।
सरकारी जमीनों के सौदागर खलील टायर के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 10 मुकदमों में खलील के साथ उसका बेटा चांद बाबू भी आरोपी है। सर्वाधिक सात मामले फर्जीवाड़ा कर जमीनों के बैनामे से जुड़े हैं। इनमें नजूल की जमीनों के साथ ही तालाब की जमीनें शामिल हैं। साल 2023 में लगातार एफआईआर दर्ज होने और पुलिस की सख्ती के चलते खलील अपने बेटे चांद बाबू उर्फ तौफीक के साथ फरार हो गया था। इसी साल गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए निगरानी बढ़ाई थी।
हरितालिका तीज पर पुलिस व प्रशासन के व्यस्त होने पर भूमाफिया खलील बेटे चांद बाबू उर्फ तौफीक के साथ पटेलनगर स्थित अपने घर आया था। एएसपी मनोज कुमार रावत ने बताया कि शुक्रवार रात में इस बात की जानकारी हुई तो पुलिस टीम को सक्रिय किया गया। नगर कोतवाल मनोज पाठक ने उपनिरीक्षक बृजेश गुप्ता, दिनेश राय के साथ पुलिस टीम लेकर घर की घेराबंदी कर आरोपी खलील व उसके बेटे चांद बाबू को गिरफ्तार कर लिया।
शहर में सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला के पास गाड़ियों का पंक्चर बनाने वाला खलील देखते ही देखते करोड़पति बन गया। कई दिग्गजों का करीबी होने के चलते पुलिस व प्रशासन ने खलील पर कभी हाथ नहीं डाला। साल 2001, 2004 व 2009 में मारपीट समेत कई मामलों में एफआईआर दर्ज होने पर खलील का नाम चर्चा में आया। इसके बावजूद किसी भी मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। साल 2021 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद प्रशासन की नजर टेढ़ी हुई तो लगातार कार्रवाई शुरू हुई। साल 2022 में धमकाने की एफआईआर के बाद 2023 में डकैती का एक केस दर्ज हुआ। अभिलेखों में हेराफेरी कर सरकारी जमीन बेचने की 2023 में लगातार छह एफआईआर दर्ज हुईं। इसके साथ ही इस साल पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया।
शहर में खलील ने जहां सरकारी जमीनों को बेचा, वहीं पटेलनगर में बिना पार्किंग के ही तिरंगा कॉम्पलेक्स खड़ा कर लिया। प्रशासन ने इसकी भी जांच की। इसके अलावा लखनऊ समेत कई जिलों से खलील के तार जुड़े हैं। उसने निकाय के एक नेता से मिलकर जमीन की सौदेबाजी का काम शुरू किया और तत्कालीन सत्ता के करीब ही रहा। खलील सरकार के हिसाब से संबंध तय करता था। लेकिन साल 2023 में एसआईटी ने भूमि बैनामों की जांच शुरू की तो वह कानूनी शिकंजे की गिरफ्त में आता गया