चंद्रयान-3 की तर्ज पर बना माता का 105 फीट ऊंचा पंडाल: सुबह शाम हो रही भक्तों की भीड़, छात्रा ने बनाया विक्रम लैंडर, बनना चाहती हैं वैज्ञानिक : गोण्डा
गोण्डा : धार्मिक अनुष्ठानों में भी अब देशभक्ति की भावना प्रदर्शित हो रही है। गोंडा के रानी बाजार में शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा का पंडाल ISRO को समर्पित किया गया है। यह पूरा पंडाल चंद्रयान-3 मिशन में जाने वाले रॉकेट की तर्ज पर बनाया गया है। 105 फीट ऊंचा यह पंडाल कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा बनाया गया है। एक छात्रा द्वारा विक्रम लैंडर बनाकर पंडाल के अंदर स्थापित माता रानी की मूर्ति के बगल रखा गया है।
विक्रम लैंडर बनाने के पीछे यह कारण माना जा रहा है कि माता के आशीर्वाद के बिना यह सब कार्य संभव नहीं था। इसलिए आगे भी मां का आशीर्वाद मिलता रहे और ऐसे मिशन आगे भी चलते रहे इसीलिए यह पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल को देखकर बच्चे भी आगे वैज्ञानिक बने ऐसा भाव आए। रानी बाजार में चंद्रयान-3 की तर्ज पर बनाये गये 105 फिट के माता रानी के पंडाल में मां वैष्णो शांति मुद्रा में भगवान शिव की अर्चना करती हुईं नजर आ रही हैं।
मां की प्रतिमा के बगल ही 13 वर्षीय छात्रा द्वारा बनाया गया विक्रम लैंडर का एक नमूना भी रखा गया है। जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दरअसल इस बार शारदीय नवरात्रि में पूरे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग तरीके से पंडाल बनाए गए हैं। लखनऊ में प्रेम मंदिर की तर्ज पर पंडाल बना करके विश्व रिकॉर्ड बनाया गया तो वहीं गोंडा जिले में भी चंद्रयान-3 की तर्ज पर माता रानी का पंडाल बनाया गया है।यहां पर शाम के समय हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। पंडाल को देखने के बाद गुफा से अंदर जाकर माता वैष्णो के दर्शन करते हैं। चंद्रयान-3 की तर्ज पर इस पंडाल को 13 वर्षीय छात्रा की सोच पर उसके माता-पिता द्वारा कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा बनवाया गया है। छात्रा की मंशा है कि हम भी पढ़कर आगे वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करें। यह पंडाल इसलिए भी बनाया गया है ताकि जो देश के वैज्ञानिकों ने एक ऐतिहासिक कार्य करते हुए चांद की सतह पर सफलतापूर्वक विक्रम लैंडर को लैंड कराया है उसकी जानकारी हर एक व्यक्ति को हो।बच्चों के अंदर वैज्ञानिक बनकर देश सेवा करने की भावना जागृत हो।
वहीं 13 वर्षीय छात्रा अर्चिशा ने बताया कि इस बार भारत ने चंद्रयान-3 लांच किया है। जो कि सफलतापूर्वक लैंड हुआ है यह जो भी कुछ हो रहा है माता रानी जी के आशीर्वाद से ही हो रहा है। इसी को लेकर हमने इस बार नया करने का प्रयास किया है और यह पंडाल अच्छी तरीके से बन भी गया है। चंद्रयान-3 की तर्ज पर हमारी भी ISRO में आगे जाने की तैयारी है। हमने एक लैंडर भी बनाया है जिसका नाम विक्रम लैंडर है जो चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था और चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया था।वहीं चंद्रयान-3 की तरह इस पंडाल को बनवाने वाली अल्का गुप्ता ने बताया कि खास बात यह है कि इस बार हमारे देश को बहुत बड़ी सफलता मिली है। चंद्रयान-3 के रूप में उसी के तर्ज पर यह पंडाल बनाया गया है। पंडाल के अंदर आप जैसे ही प्रवेश करेंगे और गुफा के माध्यम से माता वैष्णो के दर्शन करेंगे और अंदर आप आएंगे तो माता रानी भगवान शंकर की आराधना करते हुए नजर आ रही हैं। वहीं इस पंडाल के व्यवस्थापक शिवकुमार ने बताया कि हमारे देश ने जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है चंद्रयान-3 लॉन्च करके यह उसी का एक मॉडल है।इसको बनाने के लिए कोलकाता से कई कारीगर आए थे जो पिछले 15-20 दिन से लगातार काम करके इस पंडाल को सजाए हैं। इस पंडाल के अंदर जब आप प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले आपको माता वैष्णो का दर्शन होगा। महाकाली महालक्ष्मी और सरस्वती के रूप में और इसके बाद मां दुर्गा भगवान शंकर को शांति रूप से अर्घ देती हुई दिखेंगी। यहां पर पूरे देवीपाटन मंडल सहित आसपास के जिलों के लोग भी आते हैं।