कोतवाल के खिलाफ डकैती का मुकदमा लिखाने वाले अधिवक्ता की सड़क हादसे में मौत :गोण्डा

कोतवाल के खिलाफ डकैती का मुकदमा लिखाने वाले अधिवक्ता की सड़क हादसे में मौत : गोण्डा 

विकास कुमार सोनी, संवाददाता


■ गोंडा-लखनऊ हाइवे पर बाराबंकी के मसौली के बिंदौरा नहर पुल पर हुआ हादसा 

गोंडा : करनैलगंज कोतवाल समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती का मुकदमा लिखाने वाले अधिवक्ता की सोमवार की सुबह सड़क हादसे में मौत हो गयी। वह अपनी बाइक से लखनऊ से गोंडा आ रहे थे तभी रास्ते में किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी। परिजन जब तक मौके पर पहुंचते तब तक पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज चुकी थी। मृतक अधिवक्ता के परिजनों ने हादसे पर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत किए जाने की बात कही है।  

करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के कैथोली गांव के रहने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश (30) लखनऊ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। सोमवार की सुबह वह किसी काम से अपनी बाइक से लखनऊ से अपने गांव आ रहे थे। वह बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा नहर पुल पर पहुंचे थे कि पीछे से किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी। वाहन की ठोकर से जय प्रकाश बाइक से उछल कर सडक पर जा गिरे और वाहन उनके सिर को कुचलते हुए निकल गया। इस हादसे में जयप्रकाश की मौके पर ही मौत हो गयी। हादसे की सूचना पर पहुंची मसौली थाने की पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज चुकी थी। मृतक के भाई पहलवान यादव ने हादसे पर आशंका जताई है। 


यह है पूरा मामला कैथोली गांव के रहने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश ने मानवाधिकार आयोग के आदेश पर बीते 26 मई को करनैलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह, भंभुआ चौकी प्रभारी उमेश सिंह, उपनिरीक्षक अमित सिंह, अंकित सिंह वेद प्रकाश शुक्ला, दीवान शिवप्रकाश पाठक व सिपाही संदीप सिंह के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। जयप्रकाश का आरोप था कि मकान निर्माण कराने के बदले पुलिस ने उनसे 50 हजार रुपये के रिश्वत की मांग की थी। रूपये न मिलने पर एक नवंबर को करनैलगंज कोतवाल सुधीर कुमार सिंह अपनी टीम के साथ शाम करीब साढ़े सात बजे उसके घर आए और रुपये न देने पर उसके घर में घुसकर तोड़फोड करते हुए घर में रखा 1.70 लाख रुपया नकद व जेवर लूट लिया। विरोध करने पर मारपीट की गयी। महिलाओं तक को नहीं बख्शा गया।‌ लूटपाट के आरोप से बचने के लिए उल्टे जयप्रकाश और उसके परिजनों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमला करने जैसे संगीन आरोप में मुकदमा लिखकर उन्हे जेल भेज दिया गया। 

मानवाधिकार आयोग के आदेश पर कटरा बाजार थाने में कोतवाल सुधीर समेत सभी सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। हालांकि पुलिस ने पांच दिन के भीतर ही मुकदमें को स्पंज कर आरोपित पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी थी। 

■ परिजनों के गले नहीं उतर रही सड़क हादसे की कहानी 

कोतवाल समेत सात पुसिसकर्मियों के खिलाफ डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश के सड़क हादसे में मौत की कहानी परिजनों के गले नहीं उतर रही है। आरोप है कि जानबूझकर इस वारदात को अंजाम दिया गया है और मामले को दबाने के लिए इसे हादसा बताया जा रहा है। 

मृतक अधिवक्ता जयप्रकाश के भाई पहलवान ने बताया कि मृतक जयप्रकाश ने करनैलगंज कोतवाल सुधीर सिंह समेत‌ सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ बीते 26 मई को ही डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस उनके भाई से रंजिश रख रही थी। ऐसे में आशंका है कि कहीं रंजिश के तहत तो इस हादसे को अंजाम नहीं दिया गया है। पहलवान का कहना कि पुलिस जिस तरह से हादसे की कहानी बता रही है वह गले से नीचे नहीं उतर रही है। उन्होने इस पूरे मामले की शिकायत करने की बात कही है।

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