बृजभूषण शरण सिंह VS आनंद सिंह : नड्डा तक पहुंचा लेटर वार गोंडा में गरमाई 30 साल पुरानी सियासी अदावत

बृजभूषण शरण सिंह VS  आनंद सिंह : नड्डा तक पहुंचा लेटर वार गोंडा में गरमाई 30 साल पुरानी सियासी अदावत

■ तीस साल बाद पुनः दो सियासी सूरमाओं के मध्य  मचा सियासी पत्रवार,गौरा दंगल पर टिकी निगाहें

गोण्डा : गोण्डा लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद कुंवर आनंद सिंह और कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह तीस साल बाद के मध्य एक बार पुनः सियासी अखाड़े में पत्रवार शुरू हो गया है। एक तरफ राजघराने तो दूसरी ओर स्वयं के अथक सूझबूझ से अपने राजनैतिक रियासत को कायम करने वाले नेता आमने सामने है। दरअसल, मामला पूर्व सांसद आनंद सिंह द्वारा गौरा विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक प्रभात वर्मा को अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न देने को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखी गयी राजनीतिक चिठ्ठी से शुरू हुआ,पूर्व सांसद ने जहां एक ओर भाजपा अध्यक्ष को लिखी चिठ्ठी मे वर्तमान विधायक प्रभात वर्मा पर तमाम आरोप लगाते हुये उनके टिकट काटने कों कहा है वहीं दूसरी ओर टिकट न कटने पर स्वयं मैदान में उतरकर श्री वर्मा यानि (कमल निशान ) के विरुद्ध चुनाव लड़ने की चेतावनी भी दे डाली। जबकि आनंद सिंह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के अति विश्वसनीय गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के पिता है। ये तो रही आनंद सिंह द्वारा चेतावनी पत्र की। लेकिन पत्र नड्डा तक पहुंचा भी नहीं कि इस मामलें में तब ट्विस्ट आ गया जब आनंद सिंह के घोर सियासी प्रतिद्वंदी देवीपाटन मण्डल में भाजपा की अधिकतर सीटों की जिम्मेदारी लेने और भाजपा में खासी ऐहमियत रखने वाले कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उड़ती पतंग की तरह चिट्ठी को रास्ते में ही पेंच लड़ाकर ऊंचाई से नीचे लटका दिया। 


उन्होने भी एक चिठ्ठी लिखकर भाजपा अध्यक्ष के समक्ष आनंद सिंह के राजनीतिक सफर और सियासी दिमाग के बारे में जमकर लिखा व भाजपा को उनसे सावधान कर दिया। सवाल इस बात का है कि दो धुरंधरों के बीच कहीं गौरा विधायक को मोहरा तो नहीं बनाया जा रहा। खैर जो भी हो अब गेंद भाजपा आलाकमान के पाले में है देखना है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राजा आनंद सिंह के चैलेंज से पिछड़ता है या फिर बड़े बड़े विपक्षी नेताओ को धराशायी करने वाली भाजपा पुनः प्रभात वर्मा को ही गौरा के सियासी दंगल में उतारकर आनंद सिंह के चैलेंज को स्वीकार करती है।


 

खैर अगर राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो कुश्ती में विश्व की बड़े बड़े पहलवानों की टीमों को बतौर अध्यक्ष औंधे मुंह गिराने वाले बृजभूषण शरण सिंह पत्र के मुताबिक अगर प्रभात वर्मा के कोच रहेंगे तो भाजपा का पुनः परचम लहराने की संभावना हकीकत में बदल सकती है हालांकि आनंद सिंह को भी कम नहीं आंका जा सकता,फिलहाल अब सभी की निगाहें गौरा दंगल पर टिक गयी है।

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